प्रयागराज: नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, प्रयागराज में आयाेजित सात दिवसीय ओरिएण्टेशन प्रोग्राम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रो.बद्री नारायण ने भारतीय ज्ञान-परंपरा को आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस ज्ञान-परंपरा के द्वारा नए समाज का निर्माण किया जा सकता है। एक ग्रामीण विश्वविद्यालय के रूप में एनजीबीयू के पास इस दिशा में कार्य करने की अपार संभावना और क्षमता है। इस कार्य में पंत संस्थान भी अहम सहयोगी के रूप भूमिका निभाने हेतु तत्पर रहेगा।
सारस्वत अतिथि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल की डॉ. मोहिनी अरोड़ा ने भारतीय ज्ञान-परंपरा में कर्मवाद पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा की कर्म से ही भाग्य का निर्माण होता है। इस अवसर पर नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो .रोहित रमेश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न भागों पर प्रकाश डाला। प्रति कुलपति डॉ. एस. सी. तिवारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की विशेषताओं की चर्चा की।
अतिथियों का स्वागत डॉ. राजेश कुमार तिवारी ने तथा प्रोग्राम की रिपोर्ट समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष श्री राजेश कुमार तिवारी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. संतेश्वर कुमार मिश्र ने तथा संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु शेखर सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव श्री आर. एल. विश्कर्मा ने दिया। इस अवसर पर मुख्य परिसर के निदेशक डॉ. रमेशचंद्र मिश्रा, प्रो. आर.सी. त्रिपाठी, प्रो. बी.सी. दुबे, डॉ. आर.पी. ओझा, डॉ. आशीष शिवम, डाॅ. किरण सिंह, डाॅ. पूजा तिवारी, डॉ. आलोक मिश्र सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण एवं शाेधार्थी माैजूद रहे।
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