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एक थप्पड़ ने बना दिया था पूर्वांचल का बड़ा गैंगस्टर, STF ने किया एक लाख के इनामी माफिया ढेर



यूपी STF ने गोरखपुर के कुख्यात माफिया विनोद उपाध्याय को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात सुल्तानपुर में एसटीफ और माफिया के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें पुलिस की जवाबी कार्रवाई में माफिया ढेर हो गया। विनोद उपाध्याय के सिर गोरखपुर पुलिस ने एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी। पुलिस को उसकी जमीन कब्जाने, हत्या और हत्या के प्रयास समेत कई मामलों में तलाश थी।

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स यानी की एसटीएफ ने शुक्रवार को गोरखपुर और पूर्वांचल के चर्चित गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. करीब 7 महीने से विनोद उपाध्याय को ढूंढ रही यूपी एसटीएफ की टीम जब सुल्तानपुर में उसके ठिकाने पर पहुंची तो उसने बचने के लिए फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद यूपीएसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया. विनोद उपाध्याय ना सिर्फ माफिया और शार्प शूटर था बल्कि वो चुनाव तक लड़ चुका था. 

2005 में पहली हत्या के बाद महज दो सालों में ही विनोद उपाध्याय ने अपना राजनीतिक रसूख भी बना लिया था और बीएसपी से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी.  साल 2007 में बसपा ने विनोद उपाध्याय को गोरखपुर का प्रभारी बना दिया. इसके बाद उसी साल हुए विधानसभा चुनाव में गोरखपुर की ही सहजनवा सीट से बीएसपी ने  उपाध्याय को उम्मीदवार भी बनाया लेकिन वो चुनाव हार गया.  

विनोद उपाध्याय के खिलाफ यूपी में 35 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज थे और बीते सात महीने से गोरखपुर क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीम ढूंढ रही थी. उपाध्याय के जुर्म की दुनिया में एंट्री साल 2004 में एक हत्या से हुई थी. महज एक थप्पड़ का बदला लेने के लिए उसने पहली बार हत्या जैसे संगीन अपराध को अंजाम दिया था. वो अयोध्या का रहने वाला था.

 

विनोद उपाध्याय पुत्र रामकुमार उपाध्याय मूल रूप से मयाबाजार थाना महाराजगंज, अयोध्या का रहने वाला था। अपराध की दुनिया का बड़ा नाम और उत्तर प्रदेश के टॉप 61 माफिया की सूची में शामिल माफिया विनोद कुमार उपाध्याय पर एडीजी जोन गोरखपुर ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। गुरुवार की रात बदमाश विनोद उपाध्याय और एसटीएफ के मध्य सुल्तानपुर के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र में मुठभेड़ हो गई।

जिसमें विनोद उपाध्याय गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसको इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर लाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अभियुक्त विनोद के ऊपर कुल 35 मुकदमें विभिन्न जनपदों के भिन्न-भिन्न थानों में दर्ज हैं, जिसमें हत्या व हत्या के प्रयास के कई मुकदमें भी शामिल हैं। प्रदेश के बड़े माफियाओं में विनोद उपाध्याय का नाम शामिल था। पुलिस अन्य विधिक कार्यवाही में जुटी है।

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