प्रयागराज में प्रेमी ने प्रेमिका की हत्या करा दी। उसकी लाश को नवनिर्मित भवन के सेफ्टी टैंक में दफन करा दिया। 24 मई की घटना का खुलासा 9 जून की शाम को हुआ। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने सेफ्टी टैंक तोड़कर देर शाम लड़की की लाश को बाहर निकाला। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत सुपारी लेने वाले चार अन्य को भी हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। घटना करछना इलाके की है। युवक ने कहीं और शादी के चक्कर में घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है वह आठ साल से प्रेमिका के साथ था।
यमुनानगर के औद्योगिक थाना क्षेत्र के मुंगारी गांव निवासी आशीष गौतम पुत्र मदन गौतम की रिश्तेदारी करछना थाना क्षेत्र के महेवा गांव में है। यहां के रहने वाले शालिग्राम उसके रिश्तेदार हैं। उनके 4 बेटियां और दो बेटे हैं। वर्ष 2016 में शालिग्राम की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसी दौरान से आशीष गौतम का शालिग्राम के घर आना जाना शुरू हो गया। शालिग्राम की सबसे बड़ी बेटी राजकेशर सिलाई कढ़ाई एवं ब्यूटी पार्लर का काम करती थी। राजकेशोर और आशीष दोनों करीब आ गए। शालिग्राम एफसीआई में नौकरी करते थे। उससे कुछ पैसे मिले थे। बाकी पैसे अपनी कमाई से जोड़कर राज केशर ने अपनी तीन छोटी बहनों की शादी की। दो छोटे भाइयों को पढ़ाया लिखाया, लेकिन खुद अपनी शादी नहीं की।
राजकेशर आशीष गौतम के साथ रह रही थी। आशीष पर लगातार शादी का दबाव बना रही थी। लेकिन आशीष उसे झांसा दे रहा था। इस बीच आशीष ने उसी के पैसे से करछना थाने के समीप बसरिया गांव में हो रही प्लाटिंग में एक प्लाट अपने नाम खरीदा। उसमें मकान का निर्माण करा रहा था। उसका कहना था कि मकान बन जाने के बाद वह राजकिशोर से शादी करेगा और फिर दोनों इसी मकान में रहेंगे। आधा मकान बन चुका है।
आशीष ने बाराबंकी में तय कर ली शादी, पता चलने पर राजकेशर ने किया विरोध
आशीष की शादी बाराबंकी में तय हो गई। इसके बाद आशीष की नियत बदल गई। राजकेशर ने आशीष की शादी का विरोध किया और खुद से शादी करने का दबाव बनाया। 28 मई को आशीष की शादी तय थी। बारात जानी थी। उसके पहले राजकेशर उस पर दबाव बना रही थी। जिससे परेशान आशीष ने 24 मई को राजकेशर को निर्माणाधीन मकान पर फोन करके बुलाया। जहां पर पहले से प्लानिंग के तहत चार लोग और मौजूद थे।
चार लोगों से हत्या कराकर लाश सेफ्टी टैंक में डलवा दी
इधर जब पूरी रात जब राजकेशर अपने घर नहीं पहुंची तो परिवार वाले परेशान हो गए। उसकी खोजबीन करने लगे। आशीष से संपर्क किया तो आशीष ने पहले आनाकानी की फिर 25 मई को उसकी मां को लेकर करछना थाने पहुंचे। राज केशर की गुमशुदगी दर्ज करा दी। इस बीच 28 मई को आशीष ने बाराबंकी जाकर अपनी शादी कर ली। अपनी जिंदगी में मस्त हो गया।
सीडीआर से पुलिस ने उठाया ब्लाइंड मर्डर से पर्दा
इधर बेटी को खोजने में परेशान मां और उसकी तीन अन्य बहनें धनकेशर, मनकेशर, पानकेशर और दो भाई कृष्ण कुमार व अमित कुमार लगातार करछना थाने का चक्कर काटते रहे। परेशान पुलिस ने राजकेशर और आशीष का मोबाइल नंबर का सीडीआर निकलवाया और छानबीन की तो पता चला कि 24 मई को आशीष और राज केशर के बीच में बात हुई थी। उसके बाद दोनों की लोकेशन करछना कस्बे के समीप एक ही स्थान पर मिली। वहीं पर राज केशर का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था।
सभी आरोपी हिरासत में, सेफ्टी टैंक तोड़कर निकाली गई लाश
शक के बिना पर पुलिस ने आशीष गौतम को उठाया। उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल किया और बताया कि 4 लोगों को डेढ़ लाख रुपए ठेका देकर उसने राजकेशर की हत्या करा दी है। लाश को निर्माणाधीन मकान के सेप्टिक टैंक में डलवा दिया है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में शामिल चार अन्य लोगों को भी हिरासत में ले लिया। उसके बाद मौके पर जाकर सेफ्टी टैंक तोड़वाकर देर शाम उसकी लाश सेफ्टी टैंक से बाहर निकलवाई और पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। थानाध्यक्ष करछना विश्वजीत सिंह का कहना है कि सारे आरोपी गिरफ्त में है। लाश बरामद कर ली गई है। कार्रवाई की जा रही है।
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