दरअसल, माफिया अतीक अहमद और उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन अपने काले साम्राज्य को साम, दाम, दंड और भेद से चलाते थे। इसका उदाहरण 5 अप्रैल को अतीक के खंडहर हो चुके घर में बरामद बैग से मिले फर्जी आधार कार्ड से मिलता है। काले रंग के बैग में अतीक अहमद के बेटे अली के दो आधार कार्ड मिले थे। एक में अली की फोटो लगी थी, लेकिन वह आधार कार्ड शूटर साबिर के नाम दर्ज है।
आयशा नूरी की बेटियों ने भी की थी शूटरों की मदद
पुलिस के मुताबिक, 5-5 लाख के आरोपी असद और गुड्डू मुस्लिम ने डॉ. एकलाख के मेरठ के नौचंदी स्थित घर में पनाह ली थी। इस दौरान डॉ. एकलाख ने शूटरों की आर्थिक समेत हर तरह से मदद की थी। घर में एकलाख और आयशा नूरी की बेटियों ने भी मददगार की भूमिका निभाई थी। आयशा नूरी ने लखनऊ और प्रयागराज से लेकर बरेली तक मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। शूटरों को एकलाख परिवार ने कार भी उपलब्ध करवाई थी।
जांच में यह भी पता चला है कि असद और गुड्डू को दिल्ली फ्लैट भी आयशा नूरी ने दिलवाया था। घर के CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने एकलाख को पकड़ा था। बाद में उसकी बीवी आयशा नूरी और बेटियों की भूमिका भी सामने आई थी। पुलिस अब आयशा और उसकी बेटियों की गिरफ्तारी करने में जुटी है।
उमेश पाल हत्याकांड में चल रही विवेचना के तहत पुलिस ने जांच के बाद मिले फर्जीवाडे़ में यह रिपोर्ट दर्ज की गई है। कस्टडी रिमांड पर लिए गए आरोपी राकेश कुमार ने शाइस्ता परवीन के दिए गए बैग को छुपाया था। जिसकी निशानदेही पर दो आधार कार्ड मिला था। एक आधार कार्ड में मोहम्मद साबिर के बेटे सिद्दीकी के नाम है। जिसमें अतीक के बेटे अली अहमद का फोटो लगी है। मामले की जांच संजय कुमार सिंह कर रहे हैं।
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