नोएडा में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को मार डाला। पहले प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर शराब में नशीली दवा पिलाई। जैसे ही वह बेहोश हुआ। उसका गला दबाकर हत्या कर दी। फिर राजमिस्त्री प्रेमी से पड़ोस में बन रहे सेप्टिक टैंक में चुनवाया दिया।
पूरी साजिश को इतने फूलप्रूफ तरीके से रचा कि पुलिस को शव बरामद करने में 4 दिन का वक्त लग गया। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी हरपाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब उनसे सख्ती से पूछताछ की, तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया। वहीं एक आरोपी अब भी फरार है।
मरने वाले युवक का नाम सतीश था। वह बुलंदशहर का रहने वाला था। सतीश अपनी पत्नी नीतू और 5 साल के बच्चे के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सरस्वती कुंज कॉलोनी में रहता था। वह यहां की एक कंपनी में नौकरी करता था।
पत्नी ने पुलिस को बताया, "एटा का रहने वाला हरपाल 2 साल पहले घर पर काम करने आया था। इस दौरान मेरा हरपाल के साथ अफेयर हो गया। हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए। मकान बनाने के बाद हरपाल एटा चला गया, लेकिन मेरी उससे बातचीत होती रहती थी। सतीश मुझे अक्सर मारता-पीटता था। कहीं आने-जाने नहीं देता था। मैं उससे तंग आ गई थी। मैं उससे छुटकारा चाहती थी।"
इसी बीच दिसंबर में मेरे घर के बगल में हरपाल को अजय का मकान बनाने का काम मिल गया। इसके बाद हम दोनों ने सतीश को मारने के लिए प्लान बनाया। इसमें हरपाल के दोस्त गौरव को भी शामिल किया। इसके लिए उसे हमने 20 हजार रुपए और सोने का समान भी दिया।
प्लानिंग के तहत 2 जनवरी को हरपाल, सतीश और गौरव शराब पीने बैठे। इसी दौरान हरपाल ने सतीश के ग्लास में नशीला पदार्थ मिला दिया। जब सतीश बेहोश हो गया, तो हम लोगों ने मिलकर उसका गला दबा दिया। फिर गौरव की मदद से शव को पड़ोस के निर्माणाधीन मकान में ले गए। इसके बाद हरपाल ने सतीश को सेप्टिक टैंक में चुन दिया।
आरोपी पत्नी ने बताया कि इसके बाद सतीश के परिवार ने कई बार फोन किया। मैंने उन लोगों से झूठ बोल दिया कि मुझे नहीं पता सतीश कहां है। वह मुझे बिना बताए कहीं चला गया है। लेकिन, उन लोगों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
कई दिनों से भाई की कोई खबर नहीं मिली थी
सतीश के भाई छोटेलाल ने बताया, "मैं गाजियाबाद में रहता हूं। मेरे भाई अक्सर मुझसे मिलते रहते थे। लेकिन 2 जनवरी से उनकी कोई खबर नहीं मिल रही थी। भाभी नीतू भी सही से कोई जानकारी नहीं दे रही थी। इसके बाद 10 जनवरी को बिसरख पुलिस को भाई के गायब होने की सूचना दी। पुलिस ने मामले में गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू कर दी।"
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