प्रयागराज एसओजी और जॉर्ज टाउन पुलिस ने शनिवार को एक अंतर्जनपदीय चोरों के गिरोह का पर्दाफाश किया है। जिसमें चोरी का सामान खरीदने वाले सर्राफा कारोबारी समेत 5 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पकड़े गए चोरो के पास से 4 लाख 26 हजार रुपए नगद, सोने चांदी के जेवरात, चोरी की बाइक, स्कूटी, 315 बोर के तीन तमंचे, चार कारतूस व मोबाइल हैंडसेट बरामद किए गए। महंगे मोबाइल हैंडसेट और हाईटेक होटल में खाना खाने के शौक को पूरा करने के लिए चोर बने इस गैंग के मेंबरों का सरगना हैदर अली अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
प्रयागराज नगर डीसीपी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि एसओजी टीम प्रभारी राजेश उपाध्याय आशीष कुमार और जॉर्ज टाउन थाना प्रभारी धीरेंद्र कुमार सिंह की टीम ने क्षेत्र के रेलवे लाइन के किनारे से चोरों के अंतर्जनपदीय गिरोह के चार सदस्यों सुमिरन कोल पुत्र स्वर्गीय राजू कॉल निवासी कूड़ी, बारा, प्रयागराज, आशीष कुमार पुत्र स्व. रमेशचंद्र निवासी मोदीनगर, शंकरगढ़, प्रयागराज, सनी कुमार पुत्र निवाले निवासी बिजनौर बाजार, घसियारी मोहल्ला, सरोजनी नगर, लखनऊ, जावेद अख्तर पुत्र मुस्ताक अहमद निवासी दमगड़ा, उतराव, प्रयागराज को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर सराफा कारोबारी कमलेश सोनी पुत्र राजकरन सोनी निवासी कनक नगर, शंकरगढ़, प्रयागराज को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए सुमिरन कोल पर प्रयागराज के शंकरगढ़, घूरपुर, बारा, नैनी , शिवकुटी, जॉर्जटाउन और कीडगंज थाने में 16 अपराधिक मुकदमा पंजीकृत है। जावेद अख्तर पर 18, सनी कुमार पर 9, आशीष कुमार पर 7 और कमलेश सोनी पर 3 अपराधी मुकदमें पंजीकृत हैं। यह भी पढ़े- प्रयागराज: ट्रक और कार में जोरदार टक्कर; इंस्पेक्टर की मौत, कार का गेट काटकर निकली गई बॉडी
डीसीपी नगर संतोष कुमार मीणा ने बताया कि पकड़े गए चोरों के पास से 4 लाख 26 हजार रुपए नगद, दो लैपटॉप, चार्जर, 3 एंड्राइड फ़ोन, 6 कीपैड फोन, सोने चांदी के तकरीबन 20 लाख से ज्यादा के जेवरात, कपड़े, दो सफेद धातु की बनी हुई हंस की मूर्ति, एक स्कूटी, एक मोटरसाइकिल, तांबे और पीतल के बर्तन, जैकेट, 50 विदेशी छोटे-बड़े सिक्के आदि बरामद किए गए हैं।
पूछताछ में जावेद अख्तर ने बताया कि उनके गिरोह का सरगना हैदर अली दिन में शहरी क्षेत्र के मोहल्लों में घूमता है। बंद पड़े मकानों की रेकी करता है और फिर अगले दिन रात में 12:00 बजे के बाद चोरी की घटनाएं करते हैं। नगदी तो बांट दिया जाता है लेकिन जेवरात को कमलेश सोनी के हाथों बेच कर उससे जो पैसे मिलते हैं, उसका बंटवारा किया जाता है, जो पैसे मिलते हैं, उससे सिर्फ शौक पूरे होते हैं। हैदर अली की अभी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
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