अब कहानी की शुरुआत में चलते हैं...
क्राइम सीरियल देखकर दवाओं के ओवरडोज से किया मर्डर
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कल्याणपुर के शिवली रोड पर ऋषभ तिवारी (29) पत्नी सपना के साथ रहते थे। 27 नवंबर को वह अपने दोस्त मनीष के साथ स्कूटी से चकरपुर गांव में एक शादी समारोह में गए थे। देर रात घर लौटने के दौरान चकरपुर गांव में दो बदमाशों ने ऋषभ पर चापड़ से जानलेवा हमला किया। लेकिन वह गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी बच गए। स्वरूप नगर के एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद ठीक हो गए। 1 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। लेकिन 3 दिसंबर को दोबारा अचानक ऋषभ की तबीयत बिगड़ी और इलाज के लिए हैलट में भर्ती हुए, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने ऋषभ के शव का पोस्टमार्टम कराया था, जिसमें मौत का कारण ही स्पष्ट नहीं हो सका था। इसलिए डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित किया था।
सर्विलांस की मदद से हमलावर पकड़े गए, फिर पुलिस सपना तक पहुंची
उधर सचेंडी पुलिस ऋषभ पर जानलेवा हमला करने की जांच कर रही थी। मौत के बाद पुलिस ने एफआईआर को हत्या में तरमीम करके गंभीरता से जांच शुरू कर दी। सर्विलांस की मदद से हमलावरों को पुलिस ने उठाया तो उनका कनेक्शन ऋषभ की पत्नी से निकला। जांच के दौरान पता चला कि ऋषभ की पत्नी ने ही पति की हत्या के लिए कृष्णा नगर निवासी प्रेमी राजू गुप्ता के साथ पति के हत्या की साजिश रची थी।
पत्नी के इशारे पर प्रेमी राजू गुप्ता ने अपने दोस्त सीटू के साथ मिलकर ऋषभ पर जानलेवा हमला किया। इसके बाद भी जब पति बच गया तो पत्नी ने उसे दवाओं का ओवरडोज देकर मार डाला। पत्नी ने बताया कि वह क्राइम सीरियल देखती थी। दवाओं के ओवरडोज से हत्या का आइडिया वहीं से मिला था।
वॉट्सऐप चैट से खुला दोहरा हत्याकांड
सर्विलांस की टीम ने जब ऋषभ पर जानलेवा हमले की जांच शुरू की तो घटनास्थल पर संदिग्ध मोबाइल नंबर सक्रिय थे। जांच में पता चला कि वह राजू व सीटू के थे। जब राजू के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल देखी तो पता चला कि सपना से उसकी काफी बात होती है। इसी से शक गहराया। सभी के मोबाइल कब्जे में लिए। तीनों ने आपस में हत्या से संबंधित बातचीत की हुई थी।
हमले के बाद राजू ने सपा को मैसेज भेजा था कि काम हो गया। बाद में सपना ने बताया कि वह जिंदा बच गया है। जब वह दवाइयां दे रही थी तो भी वह राजू को बताती थी। इसके बाद पति को दवाओं का ओवरडोज देकर मार डाला और किसी को भनक भी नहीं लगी।
दोगुनी डोज देती थी सपना
सपना ऋषभ को रोज दोगुनी दवाइयों की डोज देती थी। कुछ दवाइयां राजू भी उसको लाकर देता था। पुलिस पता कर रही है कि ये दवाइयों कौन सी थीं। 24 घंटे के भीतर ओवरडोज का असर दिखने लगता था। जब खुराक जारी रहती थी तो हालत और बिगड़ जाती थी।
ससुर के हत्या में सफलता के बाद बढ़े हौसले
सपना ने पुलिस को बताया कि वह क्राइम सीरियल देखती है। उसे क्राइम सीरियल में जबरदस्त इंट्रेस्ट है। बताया कि एक सीरियल में ही देखा था कि दवाइयों के ओवरडोज से हत्या का प्लान सीखा। उसने पहले बुजुर्ग ससुर को मारा जब वह पकड़ी नहीं गई तो ऋषभ को इसी तरह से दवाओं का ओवरडोज देकर मार डाला। ऋषभ के पिता किशोर चंद्र पुलिस विभाग में स्टेनो थे। मां फूड विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थीं
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