प्रयागराज: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उच्च प्राथमिक विद्यालय अरैल में रविवार को हेड मास्टर कल्पना त्यागी ने जमकर हंगामा किया। हेड मास्टर कल्पना त्यागी बोली कि मेरी अनुमति के बिना विद्यालय परिसर में कैसे प्रोग्राम हो रहा है। स्थानीय विधायक विधायक पीयूष रंजन ने हेड मास्टर को बहुत समझाने का प्रयास किया पर वह नहीं मानी. सूचना पर मौके पर पहुंचे बीएसए ने हेड मास्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
कार्यक्रम में हंगामा कर रही कल्पना त्यागी का कहना था कि बिना अनुमति के विद्यालय परिसर का प्रयोग क्यों और कैसे किया जा रहा है, जबकि कार्यक्रम आयोजकों का कहना था कि यह कार्यक्रम विद्यालय में नहीं बल्कि उसी परिसर में स्थित पंचायत भवन में किया जा रहा था। महिला शिक्षिका की मांग जनप्रतिनिधियों ने नजरअंदाज कर किया। इसके बाद भी वो हंगामा करती रही।
जिसके बाद उसने 1090 महिला शिकायत नंबर डायल करके पुलिस को बुला लिया। पुलिस के पहुंचने पर कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका और बिफर गई। जिसके बाद वह करछना विधायक से उलझ गई। जिससे अच्छा खासा हंगामा खड़ा हो गया। वहां मौजूद लोगों ने उसे बहुत समझाने का प्रयास किया लेकिन वह किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं थी। वह कार्यक्रम बंद करने की जिद पर अड़ी हुई थी जिसके बाद इसकी सूचना डीएम प्रयागराज समेत अन्य अधिकारियों को दी गई।
पीएम नरेंद्र मोदी के मन की बात समेत अन्य कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न होने पर वहां मौजूद लोग भी नाराज हो गए। शिकायत मिलने के बाद मौके पर पहुंचे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। करछना के पंचायत भवन अरैल, नैनी में रविवार को सुशासन दिवस कार्यक्रम के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के "मन की बात" सुनने के लिए क्षेत्रीय लोगों की भीड़ मौजूद थी। क्षेत्रीय विधायक पीयूष रंजन निषाद बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर माल्यापर्ण कर उनकी लिखी कविता " हार नही मानूंगा, रार नही ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं को पढ़कर अपने विचार रखने शुरू किए ही थे, कि उसी परिसर में स्थित संविलियन विद्यालय रेल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका कल्पना त्यागी पहुंच गई। उन्होंने वहां पहुंच कर मंच संचालन कर रहे प्रदीप महरा से सवाल किया कि आखिर यह कार्यक्रम किसकी अनुमति से हो रहा है। विद्यालय परिसर की मालकिन मैं हूं, तुम मुझसे क्यों नहीं पूछा गया।
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