प्रयागराज: आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद सहित कई संतों को जहर देकर मारने की साजिश की आशंका में पकड़े गए विक्रम शर्मा के बारे में पता चला है कि वह साध्वी त्रिकाल भवंता के परी अखाड़ा को निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानन्द से मान्यता दिलाकर पैसा कमाना चाहता था।
उसकी यह भी इच्छा थी कि परी अखाड़ा में किसी पद पर विराजमान हो जायेगा क्योंकि हरिद्वार में महंतो के वैभव से बहुत प्रभावित हुआ था। इसके लिए उसने खुद को कैलाशानंद का करीबी बताया था, ताकि वह परी अखाड़ा को मान्यता का झांसा देकर साध्वी से लाभ उठा सके।
विक्रम के घर से दो आधार कार्ड मिले हैं। दोनों में अलग-अलग नाम और अलग-अलग जन्म तिथि पाई गई है। अलग-अलग आधार कार्ड बनाने के पीछे पुलिस भर्ती परीक्षा में आवेदन करने को वजह बताया गया है। पुलिस अधिकारी कैलाशानंद से भी संपर्क कर रहे हैं और उनका पक्ष जानते हुए अन्य जानकारी जुटा रहे हैं। उधर, इस पूरे मामले को लेकर खुफिया एजेंसी की टीम भी सक्रिय है। वह लगातार पूरे मामले की छानबीन कर रही है। डीसीपी का कहना है की मोबाइल की कॉल डिटेल से स्थिति और साफ हो जाएगी।
यह है पूरा मामला
हरिद्वार में रहने वाले निंरजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद सहित कई संतों को कथित रूप से जहर देकर मारने की साजिश का पता चला है। शनिवार को नैनी पुलिस ने अरैल स्थित साध्वी त्रिकाल भवंता के आश्रम से विक्रम शर्मा नामक एक संदिग्ध युवक को दबोच लिया। संतों की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगने पर पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारी देर रात तक पूछताछ करते रहे। युवक बागपत के कोतवाली का रहने वाला है। त्रिकाल भवंता ने विक्रम पर साजिश रचने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
बताया जाता है कि शनिवार सुबह करीब 10 बजे 21 वर्षीय विक्रम शर्मा साध्वी के आश्रम पहुंचा। त्रिकाल भवंता का आरोप है कि विक्रम ने उनसे कहा कि एक जनवरी को कैलाशानंद का जन्मोत्सव कार्यक्रम हरिद्वार में है। वहां तमाम संत एकजुट होंगे, जहां उनके भोजन में जहर देकर सभी को मार डालेगा। इस कृत्य में विक्रम ने त्रिकाल भवंता से मदद मांगी तो वह हतप्रभ रह गईं।
साध्वी की सूचना पर नैनी पुलिस ने दोपहर करीब दो बजे आश्रम पहुंचकर विक्रम को दबोच लिया और नैनी थाने लाकर पूछताछ शुरू की। संदिग्ध विक्रम ने पुलिस को बताया कि वह कुंभ मेले में साध्वी त्रिकाल भवंता से मिला था। शनिवार को वह ट्रेन से उतरने के बाद संगम गया और फिर वहां से साध्वी त्रिकाल भवंता के आश्रम में पहुंचा। आश्रम में स्नान करने के बाद चाय पी। तब साध्वी ने युवक पर खुद की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया और फिर पुलिस को खबर दे दी।
उधर, साध्वी के जरिए कैलाशानंद को साजिश के बारे में पता चला तो परेशान हो गए। उन्होंने हरिद्वार के डीएम व एसएसपी को इस बारे में बताया। यह भी कहा कि विक्रम शर्मा का असली नाम योगेंद्र शर्मा है। विक्रम 29 नवंबर 2022 के उनके श्री सिद्धपीठ दक्षिण काली चंडी घाट हरिद्वार स्थित आश्रम पर आया था और पांच घंटे तक रुका था। महामंडलेश्वर ने सनातन धर्म के खिलाफ गहरी साजिश का आरोप लगाते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।
0 Comments