कानपुर: बिधनू थाने से निलंबित उरई निवासी दरोगा अनूप सिंह (33) के जहर खाकर आत्महत्या करने के मामले में फजलगंज थाने में तैनात महिला सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। दरोगा की पत्नी की तहरीर पर शुक्रवार रात महिला सिपाही पर आत्महत्या करने पर मजबूर कर देने की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है।
महिला सिपाही छुट्टी पर है। हालांकि अब उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। दरोगा अनूप सिंह ने 10 नवंबर को जहर खा लिया था। सर्वोदयनगर स्थित एक निजी अस्पताल में दरोगा दो दिन बाद दम तोड़ दिया था।
एसीपी अनवरगंज सृष्टि सिंह की जांच में सामने आया था कि अनूप सिंह के संबंध फजलगंज थाने में तैनात एक महिला सिपाही से थे। इसी वजह से अनूप ने खुदकुशी की। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार रात पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के आदेश पर डीसीपी सेंट्रल ने सिपाही को निलंबित कर दिया।
शुक्रवार को दरोगा की पत्नी पूनम फजलगंज थाने पहुंचीं और महिला सिपाही के खिलाफ तहरीर दी, जिसके आधार पर महिला सिपाही पर केस दर्ज किया गया। बता दें कि मामले में थानेदार देवेंद्र दुबे की भी भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि थानेदार आरोपों को निराधार बता रहे हैं।
शादी का बना रही थी दबाव, मुकदमे में फंसाने की दी थी धमकी
पूनम के मुताबिक अनूप लंबे समय से तनाव में थे। पिछले साल अप्रैल 2021 में जब उन्होंने इस बारे में अनूप से पूछा था तो बहुत से उन्होंने सच बात बताई थी। अनूप ने बताया था कि फजलगंज थाने में तैनाती के दौरान एक महिला सिपाही से प्रेम प्रसंग हो गया था।
अब वह पहली शादी तोड़कर खुद से शादी करने के लिए दबाव बना रही है। इनकार करने पर केस दर्ज कराने की धमकी दे रही है, इसलिए वह परेशान हैं। पूनम ने कहा कि इसी वजह से अनूप ने खुदकुशी की। अगर वह मुकदमे में फंसाएगी, तो बहुत बदनामी होगी।
पूनम ने तहरीर में दावा किया है कि प्रवीण नाम के सिपाही ने अनूप को अस्पताल पहुंचाया। उस वक्त अनूप की सांसें चल रही थीं। इसी दौरान प्रवीण से अनूप ने कहा था कि वह महिला सिपाही से त्रस्त हैं। वह ब्लैकमेल कर रही है, इसलिए जहर खा लिया। जान देना ही एक रास्ता बचा है।
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