गाजियाबाद: 10 नवंबर को गाजियाबाद के दौरे पर आए सूबे के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संयुक्त जिला अस्पताल संजयनगर में आग से झुलसे एक मरीज को बेहतर इलाज के लिए अफसरों को निर्देश दिया। डॉक्टरों ने उसी मरीज को भर्ती नहीं किया और घर जाकर हल्दी-देसी घी तेल लगाने की सलाह दे दी। मामला सामने आने पर उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर शनिवार रात अस्पताल के वार्डबॉय को बर्खास्त कर दिया गया। वहीं डॉक्टर को नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा है।
शास्त्रीनगर निवासी पवन कुमार तोमर सिलेंडर में आग लगने से झुलस गए थे। उनका शरीर करीब 40 फीसदी से ज्यादा झुलस गया था। वे संयुक्त जिला अस्पताल संजयनगर में भर्ती हुए। 10 नवंबर को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक दौरे पर आए। उन्होंने डेंगू वार्ड देखा और पूरे अस्पताल में घूमकर व्यवस्थाएं परखी। इस दौरान उनका सामना इस मरीज से हो गया। मरीज पवन तोमर ने ब्रजेश पाठक को बताया कि यहां पर समय से इलाज नहीं मिलता। इस पर उप मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर खेद जताया और डॉक्टरों को बेहतर इलाज का निर्देश दिया।
पवन कुमार ने बताया कि डॉक्टरों ने इसके बावजूद उन्हें दवाएं नहं दी। हर रोज बाहर से वे 700-800 रुपए की दवाएं ला रहे थे। कुल मिलाकर डॉक्टरों ने मरीज को न तो भर्ती किया और न ही अस्पताल से मुफ्त की दवाएं दी। इतना ही नहीं, डॉक्टरों ने ये तक कह दिया कि घर जाकर जले हुए बदन पर हल्दी और देसी घी लगाओ। मरीज को भर्ती नहीं करने का मामला फिर से उपमुख्यमंत्री तक पहुंच गया।
डॉक्टर से भी मांगा गया स्पष्टीकरण
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार रात ट्वीट करके बताया, 'संयुक्त जिला अस्पताल गाजियाबाद में आग से झुलसे मरीज को उपचार न देने संबंधी प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिए गए आदेशों के क्रम में CMO गाजियाबाद द्वारा दोषी वार्डबॉय को बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि संबंधित चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा गया है।'
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